Front Introduction
इस महाविद्यालय की स्थापना एक बड़े भौगोलिक भूभाग की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 14 सितम्बर 1984 को की गयी थी। रेलमार्ग पर रायपुर (38 किलोमीटर) एवं भाटापारा (26 किलोमीटर) के बीच, तथा सड़क मार्ग पर सिमगा (16 किलोमीटर) व खरोरा (27 किलोमीटर) के बीच रायपुर से लगभग 63 किलोमीटकर दूर यह अकेला महाविद्यालय है। निकटतम रेलवे स्टेशन, तिल्दा, महाविद्यालय से लगभग 4 किलोमीटर दूर है।  

           

मूलतः शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, नेवरा के नाम से स्थापित इस महाविद्यालय के भवन के लिए ग्राम कोहका में भूखण्ड मिलने के कारण इसका नाम शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, कोहका (नेवरा) किया गया।

क्षेत्र के प्रसिद्ध उद्योगपति, समाजसेवी एवं महाविद्यालय को दान देने वाले श्री ललित अग्रवाल के पिता की स्मृति में पुनः बदलाव करते हुए महाविद्यालय का नाम सत्य नारायण अग्रवाल शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, कोहका (नेवरा) किया गया।

यह महाविद्यालय पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से सम्बद्ध है। स्नातक स्तर पर कला तथा वाणिज्य पाठ्यक्रमों के लिए और स्नातकोत्तर स्तर पर वाणिज्य और अर्थशास्त्र विषयों के लिए इसे विश्वविद्यालय से स्थायी सम्बद्धता प्राप्त है। स्नातक स्तर पर विज्ञान पाठ्यक्रम और स्नातकोत्तर स्तर पर हिन्दी, राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र को अस्थायी सम्बद्धता प्राप्त है। शिक्षण सत्र 2020-21 से स्नातकोत्तर स्तर पर राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र विषयों की अनुमति मिलने के कारण सम्प्रति इनकी सम्बद्धता केवल प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर के लिए ही है।

यह महाविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 के अंतर्गत धारा 12B में मान्यता प्राप्त है एवं इसे समय समय पर अनुदान प्राप्त होते रहे हैं।